महिलाओं में कृत्रिम गर्भाधान कैसे होता है : Artificial insemination in women

महिलाओं में कृत्रिम गर्भाधान कैसे होता है
महिलाओं में कृत्रिम गर्भाधान कैसे होता है


पालतू पशुओं और जानवरों की अच्छी नस्ल पैदा करने के लिए मनुष्य बहुत लंबे समय से गर्भाधान के लिए मजबूत और शक्तिशाली पशुओं का इस्तेमाल करता आया है। गर्भाधान की यह क्रिया जानवरों के आपसी समागम (Intercourse) से होती आई है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मनुष्य ने गर्भाधान की कृत्रिम विधियां विकसित कर ली हैं। इन विधियों से जानवर तो जानवर, महिलाओं को भी गर्भवती बनाया जा सकता है

क्या आप जानते हो कि कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) की क्रिया कैसे संपन्न की जाती है?

कृत्रिम गर्भाधान (artificial insemination) की क्रिया में नर जीव के शुक्राणुओं (Sperms) को मादा के गर्भाशय (Uterus) में किसी कृत्रिम विधि से प्रविष्ट कराया जाता है। यह विधि अच्छी नस्ल के जानवर पैदा करने के लिए प्रयोग मे लाई जाती है।

गायों के लिए कृत्रिम गर्भाधान की क्रिया बहुत प्रचलित है। इस काम के लिए किसी अच्छी नस्ल के सांड़ के शुक्राणु लेकर मादा गाय के अंडाशय में प्रविष्ट करा दिए जाते हैं । इससे गाय में गर्भाधान की क्रिया संपन्न हो जाती है। किसी एक अच्छे सांड के शुक्राणुओं से कई गायों में कृत्रिम गर्भाधान की क्रिया संपन्न कराई जा सकती है। इस प्रकार से गर्भवती गायों की संख्या प्राकृतिक विधि से गर्भवती होने वाली गायों की तुलना में कहीं अधिक होती है।

कृत्रिम गर्भाधान (artificial insemination) की विधि आजकल महिलाओं (Women) के लिए भी प्रयोग होने लगी है। जिन महिलाओं के पति किन्हीं कारणों से प्रजनन क्षमता खो बैठते हैं, उन महिलाओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान (artificial insemination) की विधि प्रयोग में लाई जा रही है

इसके लिए विवाहित स्त्री के पति की सहमति से किसी दूसरे व्यक्ति का शुक्राणु लेकर स्त्री के गर्भाशय में इंजेक्शन द्वारा पहुंचा दिया जाता है। तथापि, ऐसी अनेक विधियां हैं, जिनके द्वारा मां के शरीर से बाहर, वैज्ञानिक प्रयोगशाला में कृत्रिम रीति से बच्चे का प्रजनन किया जा सकता है। इन बच्चों को टेस्ट ट्यूब बेबी (परखनली शिशु) कहते हैं। इस तकनीक को आई.वी.एफ. (In Vitro Fertilization) कहते हैं।

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