how to stop pregnancy in hindi (full information)
how to stop pregnancy in hindi |
पृथ्वी पर जनंसख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है और विकासशील देशों पर इसका सबसे खराब असर पड़ा है। इसके कारण भोजन, पानी और मकान की कमी होती जा रही है। अनेक विकासशील देशों में जनसंख्या विस्फोट की संभावित चुनौती ने परिवार नियोजन को एक ज्वलंत मुद्दा बना दिया है। विकसित देशों में इसके ठीक उल्टी स्थिति है।
व्यस्त औद्योगिक जीवन की मांगों को पूरा करने के लिए परिवार छोटे होते जा रहे है, लेकिन अधिक गरीब देशों में ऐसा नहीं हुआ।
विकासशील देशों में पिछले कई वर्षों में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए परिवार नियोजन के अनेक तरीकों को विकसित किया जा चुका है।
पुरुष की यौन ग्रंथियां शुक्राणुओं को उत्पन्न करती हैं, जबकि स्त्री की डिम्ब ग्रंथियां अंड' (Egg) या डिम्ब (Ova) पैदा करती हैं और इसे गर्भाशय में भेज देती हैं। जब पुरुष का शुक्राणु स्त्री के गर्भाशय में डिम्ब से मिलता है, तब एक नया जीवन विकसित होना शुरू हो जाता है। पुरुष के शुक्राणुओं का स्त्री के डिम्ब से मिलन नहीं हो सके, इसके लिए गर्भ निरोधक तरीकों का प्रयोग किया जाता है। इन्हें तीन विस्तृत वर्गों में बांटा गया है। प्रथम-प्राकृतिक तरीके, दूसरे-अंतरण (Spacing) तरीके, और तीसरे-ऑपरेशन (Terminal) का तरीका।
गर्भ नियंत्रण के प्राकृतिक तरीके (Natural methods of pregnancy control)
methods of pregnancy control |
प्राकृतिक तरीके वे हैं, जिनमें किसी औषधिक का प्रयोग नहीं किया जाता।ये हैं (i) सुरक्षित काल और (ii) कोइटस इन्टरपेट्स (Coitus interrupts)।
सुरक्षित काल का तरीका यह है कि जब शुक्राणु के डम्ब से मिलने की संभावना हो, तब संभोग नहीं किया जाए। स्त्रियां सामान्यतः प्रतिमाह एक डिम्ब (Ovum) उत्पन्न करती हैं। यदि पुरुष के शुक्राणु इस समय स्त्री के गर्भाशय में प्रवेश नहीं करें, तब गर्भ धारण से बचा जा सकता है। सुरक्षित अवधि 28 दिनों के नियमित मासिक धर्म के आधार पर निकाली जाती है।
स्त्री को जिस दिन मासिक धर्म होता है, उस दिन से 11 दिनों पूर्व का समय सुरक्षित समझा जाता है। इन 11 दिनों से पहले के 8 दिन खतरे भरे होते हैं । इस खतरे भरे काल वाले दिनों से पहले वाले 8 दिन सुरक्षित माने जाते हैं। प्रत्येक स्त्री के मासिक धर्म का चक्र अलग-अलग होता है, इसलिए सभी का सुरक्षित काल भी अलग-अलग होता है।
दूसरे प्राकृतिक तरीके ' कोइटस इंटरप्टस ' में शुक्राणुओं को डिम्ब से मिलने से रोकने के लिए संभोग के समय पुरुष द्वारा स्खलित होने से पहले ही योनि से शिश्न को बाहर निकाल लिया जाता है, जिससे पुरुष का वीर्य स्त्री शरीर के अन्दर नहीं जा पाता है। यह तरीका बहुत जोखिम भरा है और मनोवैज्ञानिक रूप से अस्वास्थ्यकर भी है।
अंतरण तरीके (spacing) में शुक्राणुओं के डिम्ब तक पहुंचने में रुकावट डालने वाले गर्भ निरोधका (Contraceptives) को शामिल किया जाता है। ये शुक्राणुआ को योनि से गर्भाशय तक पहंचने से पहले ही रोक देते हैं। इस प्रकार वे डिम्बवाही नलिका तक " तैर " कर नहीं जा पाते और डिम्ब को निषेचित (Fertilize) नहीं कर पाते। इन तरीकों में उपयोग किए जाने वाले गर्भ निरोधक हैं - (1 ) कंडोम या निरोध, (2) डायाफ्राम, (3) इंट्रा-यूटाइना डिवाइस आई.यू.डी. (4) खाने वाली गर्भ निरोधक गोलिया, (5)स्पीसाइड्स। ये सारे तरीके बच्चे न होने या उनके बीच में अन्तराल रखने के लिए अच्छे हैं, क्योंकि कभी भी इनका प्रयोग बंद करके गर्भधारण किया जा सकता है।
कंडोम रबर का बहुत ही पतला और छोटा सा लम्बा गिलाफ जैसा होता है, जिसे संभोग करने से पह शिश्न पर चढ़ाया जाता है। इसके द्वारा शिश्न ढक जाने के कारण शुक्राणु स्त्री के शरीर के अन्दर नहीं जा सकते।
कंडोम |
गर्भ निरोधक गोली क्या है
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