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इलेक्ट्रिक फ्यूज क्या है और Electric Circuit में क्यों लगाया जाता है? |
इलेक्ट्रिक फ्यूज क्या है ?
इलेक्ट्रिक फ्यूज एक ऐसा सुरक्षा साधन है, जो अधिक विद्युतधारा हो जाने पर विद्युत परिपथ (Circuit) को काट देता है। किसी विद्युत परिपथ में अधिक विद्युतधारा बहने के दो मुख्य कारण हैं। जब विद्युत परिपथ कहीं पर शार्ट (Short) हो जाता है, तब बहुत अधिक विद्युतधारा बहने लगती है। दूसरा जब एक ही लाइन पर बहुत विद्युतयंत्र चलाए जाते हैं, तब परिपथ में धारा की मात्रा अधिक हो जाती है। अधिक विद्युतधारा के कारण तार गर्म होने लगते हैं और आग लगने का डर रहता है। ऐसी स्थिति में परिपथ में लगा फ्यूज उड़ जाता है, जिसके फलस्वरूप परिपथ टूट जाता है और बिजली का बहना बंद हो जाता है। इस प्रकार तारों का गर्म होना बंद हो जाता है और आग लगने का डर समाप्त हो जाता है।
क्या आप जानते हैं कि फ्यूज क्या होता है और कैसे काम करता है?
फ्यूज कितने प्रकार के होते हैं ?
फ्यूज दो प्रकार के होते हैं :
1. प्लग फ्यूज
2. कार्टरिज फ्यूज
प्लग फ्यूज कम विद्युत के लिए प्रयोग में लाए जाते है।
इलेक्ट्रिक फ्यूज कैसे बनता है ?
फ्यूज वास्तव में एक ऐसे तार का छोटा-सा टुकड़ा होता है, जो गर्म होने पर आसानी से पिघल जाता है। यह तार टिन और सीसा धातु के एक विशेष मिश्रण से बनाया जाता है। इस तार का पिघलांक (Melting Point) बहुत कम होता है। इस तार को एक विशेष होल्डर में लगाया जाता है, जिसे फ्यूज होल्डर कहते हैं । यह पोर्सलीन या एबोनाइट या किसी दूसरे विद्युत अवरोधी (Electrical Insulator) पदार्थ से बनाया जाता है।
विद्युत फ्यूज ऐसी धातु के तार का छोटा सा टुकडा जो आवश्यकता से अधिक विद्युतधारा होने पर आया
पिघल जाता है हैं। इनको लगाने के लिए विशेष प्रकार के सॉकिट होते है कार्टरिज फ्यूज कांच की छोटी-छोटी नलियों से बनाएर हैं। कांच की नली के दोनों ओर धातु की टोपी होती है जिसके साथ फ्यूज का तार लगा दिया जाता है। इन पयलों को स्प्रिंग लगे सॉकिटों में लगा दिया जाता है। एक और भी फ्यूज होता है, जिनमें पोर्सलीन के बने होल्डरों में दो पेंच होते हैं। इन पेंचों से फ्यूज का तार जोड़ दिया जाता है और सॉकिट में फिट कर दिया जाता है।
इलेक्ट्रिक फ्यूज कैसे काम करता है ?
किसी भी फ्यूज में बहने वाली विद्युतधारा की मात्रा निश्चित होती है। इसे हम फ्यूज रेटिंग के नाम से पुकारते हैं। फ्यूज कुछ मिलीएंपीयर रेटिंग से लेकर 50 एंपीयर या उससे भी अधिक विद्युतधारा के लिए बनाए जाते हैं। कम विद्युतधारा के साथ प्रयोग में आने वाले फ्यूजों में पतले तार इस्तेमाल होते हैं, जबकि अधिक विद्युतधारा के लिए मोटे तार प्रयोग में लाए जाते हैं। किसी फ्यूज की रेटिंग तार की मोटाई पर ही निर्भर करती है, उसकी लंबाई पर नहीं।
यदि कम विद्युतधारा का फ्यूज अधिक विद्युतधारा वाले परिपथ में लगा दिया जाए, तब क्षण भर में पिघलकर टूट जाएगा। इसी प्रकार अधिक विद्युतधारा के लिए बनाया गया फ्यूज यदि कम विद्युतधारा वाले परिपथ में लगा दिया जाए, तब उपकरण की सुरक्षा समाप्त हो जाएगी, क्योंकि यह उपकरण की आवश्यकता से अधिक विद्युतधारा बहने पर भी टूटेगा नहीं और परिणामस्वरूप उपकरण जल जाएगा। इसीलिए यह आवश्यक है कि किसी भी उपकरण के साथ उचित फ्यूज ही लगाना चाहिए।
इलेक्ट्रिक फ्यूज का क्या उपयोग है ?
संसार में लगभग सभी विद्युतचालित यंत्रों में फ्यूज का इस्तेमाल किया जाता है। घरों में बिछे विद्युत तारों में भी जगह-जगह कई फ्यूज लगाए जाते हैं। एक फ्यूज मीटर के पास लगाया जाता है। जिस खंभे से बिजली आती है, वहां पर भी फ्यूज लगाया जाता है। फ्यूज कमरों में भी लगाए जाते हैं । इन फ्यूजों को प्रयोग में लाने का मुख्य उद्देश्य उपकरणों को क्षति से बचाना है। घरों की विद्युत लाइनों में लगे फ्यूज उपकरणों को तो सुरक्षा प्रदान करते ही हैं, साथ ही साथ ये तारों को आग लगने से भी बचाते हैं।