वैश्विक डेटा सेंटर 2030 तक 2.5 बिलियन टन CO2 उत्सर्जित करेगा: मॉर्गन स्टैनली रिपोर्ट

हाल ही में मॉर्गन स्टैनली की एक रिपोर्ट ने वैश्विक डेटा सेंटर उद्योग के पर्यावरणीय प्रभाव को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, डेटा सेंटर उद्योग 2030 तक लगभग 2.5 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड-समकक्ष उत्सर्जन करेगा। इस वृद्धि के चलते, कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों में तेजी आएगी।

Data Center
डेटा सेंटर का बढ़ता प्रभाव

आजकल के डेटा सेंटर बिजली की अत्यधिक खपत करते हैं, जो उनके विशाल आकार और कामकाजी क्षमताओं के कारण होता है। प्रमुख तकनीकी कंपनियां जैसे Google, Microsoft, Meta, और Amazon अपने artificial intelligence और क्लाउड कंप्यूटिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डेटा सेंटर के नेटवर्क को तेजी से विस्तार दे रही हैं। यह वृद्धि न केवल ऊर्जा की बढ़ती मांग को जन्म देती है बल्कि वैश्विक तापमान में भी योगदान करती है।

पर्यावरणीय प्रभाव और संभावनाएं

मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा सेंटर उद्योग का उत्सर्जन अमेरिका के वार्षिक कुल उत्सर्जन का लगभग 40% होगा। इसके परिणामस्वरूप, स्वच्छ ऊर्जा विकास, ऊर्जा-कुशल उपकरण, और 'ग्रीन बिल्डिंग' सामग्री में निवेश में वृद्धि देखी जाएगी। इसके साथ ही, कार्बन कैप्चर, उपयोग और संग्रहण (CCUS) तकनीक और कार्बन डाइऑक्साइड हटाने (CDR) प्रक्रियाओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

डिकॉर्बोनाइजेशन के उपाय

डेटा सेंटर कंपनियों ने 2030 तक अपने सेंटर से होने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। इसके लिए, वे कई कार्बन कम करने की तकनीकों में निवेश कर रहे हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग: सौर, पवन, और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना।
  2. ऊर्जा-कुशल उपकरण: डेटा सेंटर की ऊर्जा खपत को कम करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग।
  3. ग्रीन बिल्डिंग मटेरियल: निर्माण में ऐसे सामग्री का उपयोग जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करें।


डेटा सेंटर उद्योग की तेजी से बढ़ती मांग और उसकी ऊर्जा खपत के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के अनुसार, कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए कंपनियों को न केवल नई तकनीकों में निवेश करना होगा बल्कि वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए समग्र रणनीतियों को अपनाना होगा। यह समय है कि कंपनियों के साथ-साथ सरकारें और नीति निर्माता भी इस दिशा में ठोस कदम उठाएं ताकि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखा जा सके।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने