शराब पीने के बाद लोग क्यों भूलते क्यों हैं ?

शराब पीने के बाद याददाश्त का कमजोर होना या पूरी तरह से भूल जाना, जिसे आमतौर पर "ब्लैकआउट" कहा जाता है, एक सामान्य लेकिन जटिल स्थिति है। यह समस्या सिर्फ कुछ घंटों की भूलने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसका हमारे मस्तिष्क और दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इस लेख में, हम इस विषय को विस्तार से समझेंगे।

Why do people forget after drinking


1. ब्लैकआउट क्या है?

ब्लैकआउट एक स्थिति है जिसमें शराब के अत्यधिक सेवन के कारण व्यक्ति घटनाओं को याद रखने में असमर्थ हो जाता है।

  • यह व्यक्ति के होश में रहने के बावजूद हो सकता है।
  • इस दौरान जो भी घटनाएँ होती हैं, वे दीर्घकालिक स्मृति (Long-term Memory) में संग्रहीत नहीं हो पातीं।
  • ब्लैकआउट मुख्य रूप से अत्यधिक शराब पीने और बिंज ड्रिंकिंग (Binge Drinking) के कारण होता है।

2. ब्लैकआउट कैसे होता है?

  1. मस्तिष्क पर शराब का प्रभाव

    • शराब मस्तिष्क के हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) को प्रभावित करती है, जो नई यादों को संग्रहीत करने के लिए जिम्मेदार होता है।
    • जब रक्त में अल्कोहल का स्तर बढ़ता है, तो यह हिप्पोकैम्पस की कार्यक्षमता को बाधित कर देता है।
  2. बिंज ड्रिंकिंग का प्रभाव

    • बिंज ड्रिंकिंग, यानी कम समय में अत्यधिक शराब का सेवन, मस्तिष्क पर तीव्र प्रभाव डालता है।
    • इसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति उन घटनाओं को याद नहीं कर पाता जो शराब पीने के दौरान या उसके बाद हुईं।

3. ब्लैकआउट के प्रकार

  1. फ्रैगमेंटरी ब्लैकआउट (Fragmentary Blackout)

    • इसमें व्यक्ति कुछ घटनाओं को याद कर सकता है, लेकिन पूरी तरह से नहीं।
    • यह अधिक सामान्य है।
  2. कम्प्लीट ब्लैकआउट (Complete Blackout)

    • इसमें व्यक्ति को शराब पीने के दौरान हुई घटनाओं की कोई भी स्मृति नहीं रहती।

4. क्या ब्लैकआउट से मस्तिष्क को नुकसान होता है?

  1. मस्तिष्क पर दीर्घकालिक प्रभाव

    • बार-बार ब्लैकआउट होने से मस्तिष्क की स्मृति संग्रहीत करने की क्षमता कमजोर हो सकती है।
    • अत्यधिक शराब का सेवन न्यूरॉन्स (Neurons) को नुकसान पहुंचाता है।
  2. डिमेंशिया का खतरा

    • शोधकर्ताओं का मानना है कि लंबे समय तक बिंज ड्रिंकिंग मस्तिष्क के उन हिस्सों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है, जो स्मृति और सोचने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होते हैं।
    • यह स्थिति वृद्धावस्था में डिमेंशिया का कारण बन सकती है।
  3. शोध और आंकड़े

    • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज्म (NIAAA) के अनुसार, ब्लैकआउट का अनुभव करने वाले लोग मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
    • WHO के अनुसार, शराब का अत्यधिक सेवन हर साल लगभग 30 लाख मौतों का कारण बनता है।

5. शराब और मस्तिष्क स्वास्थ्य पर शोध

  1. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल का अध्ययन

    • शराब मस्तिष्क के ग्रे मैटर (Gray Matter) और व्हाइट मैटर (White Matter) को कम कर सकती है।
    • यह स्मृति, निर्णय लेने और भावनात्मक नियंत्रण पर प्रभाव डालता है।
  2. येल यूनिवर्सिटी का शोध

    • शराब पीने के दौरान ब्लैकआउट के बार-बार अनुभव से अल्कोहलिक कोरसेकोफ सिंड्रोम (Alcoholic Korsakoff Syndrome) नामक स्थिति हो सकती है, जिसमें दीर्घकालिक स्मृति पूरी तरह खराब हो सकती है।

6. ब्लैकआउट को रोकने के उपाय

  1. शराब का सेवन सीमित करें

    • पुरुषों को एक दिन में अधिकतम 2 ड्रिंक और महिलाओं को 1 ड्रिंक तक सीमित रहना चाहिए।
  2. खाली पेट शराब न पिएं

    • खाली पेट शराब पीने से ब्लैकआउट का खतरा बढ़ जाता है।
  3. धीरे-धीरे पिएं

    • तेजी से शराब पीने से बिंज ड्रिंकिंग की संभावना बढ़ती है।
  4. हाइड्रेटेड रहें

    • शराब पीने के दौरान पानी पीना मस्तिष्क पर इसके प्रभाव को कम कर सकता है।

निष्कर्ष

ब्लैकआउट और बिंज ड्रिंकिंग न केवल आपकी स्मृति को प्रभावित करते हैं, बल्कि आपके मस्तिष्क और दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं।

  • याद रखें, शराब का सीमित और जिम्मेदार तरीके से सेवन न केवल आपकी याददाश्त बल्कि आपके जीवन की गुणवत्ता को भी बनाए रख सकता है।

यदि आप या आपका कोई प्रिय बार-बार ब्लैकआउट का अनुभव करता है, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में, एक विशेषज्ञ से संपर्क करना आवश्यक है।

क्या आपने कभी ब्लैकआउट का अनुभव किया है? इस बारे में अपनी राय और अनुभव साझा करें। जागरूकता फैलाने के लिए इस जानकारी को औरों तक जरूर पहुँचाएं।

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