Electro-Optical Targeting System (EOTS) क्या है?

EOTS एक ऐसा सिस्टम है, जो इंफ्रारेड (IR), लेज़र और अन्य इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल तकनीकों का उपयोग करता है। यह पायलट को दिन और रात दोनों समय लक्ष्यों का पता लगाने और उन पर सटीक निशाना साधने की क्षमता प्रदान करता है।

Electro-Optical Targeting System (EOTS)

EOTS मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य करता है:

  1. लक्ष्य की पहचान और ट्रैकिंग:

    • यह दुश्मन के विमानों, वाहनों और अन्य लक्ष्यों का पता लगाता है और उनकी गतिविधियों को ट्रैक करता है।
  2. लेज़र गाइडेंस:

    • यह सटीक लेज़र बीम के माध्यम से गाइडेड मिसाइलों और बमों को लक्ष्यों तक पहुंचाने में मदद करता है।
  3. विस्तृत निगरानी:

    • इंफ्रारेड और ऑप्टिकल इमेजिंग के जरिए यह सिस्टम इलाके की विस्तृत निगरानी करता है।
  4. स्टील्थ क्षमताएँ:

    • EOTS को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह स्टील्थ विमानों में पूरी तरह से फिट हो सके और उनकी लो-ऑब्जर्वेशन क्षमताओं को बरकरार रखे।

EOTS का उदाहरण: F-35 फाइटर जेट में EOTS का उपयोग

F-35 लाइटनिंग II लड़ाकू विमान में EOTS का उपयोग इसे एक बेहतरीन टारगेटिंग सिस्टम बनाता है।

  • सटीकता: F-35 का EOTS पायलट को सटीक लक्ष्य निर्धारण में मदद करता है, चाहे वह हवाई युद्ध हो या जमीनी हमला।
  • इंफ्रारेड क्षमताएँ: यह सिस्टम दुश्मन के विमानों और मिसाइल लांचरों को इंफ्रारेड सिग्नल के माध्यम से पहचान सकता है, जो रात में भी पूरी क्षमता से काम करता है।
  • लेज़र गाइडेड बम: F-35 का EOTS लेज़र गाइडेंस का उपयोग करके बमों और मिसाइलों को बेहद सटीक तरीके से निशाना बनाता है।

EOTS की प्रमुख विशेषताएँ

  1. कम ड्रैग डिजाइन:

    • EOTS को विमान की नाक में एकीकृत किया गया है, जिससे यह वायुगतिकीय रूप से कुशल और कम ड्रैग वाला बनता है।
  2. इंफ्रारेड और ऑप्टिकल फ्यूजन:

    • EOTS इंफ्रारेड और ऑप्टिकल डेटा को मिलाकर एक विस्तृत और सटीक तस्वीर प्रदान करता है।
  3. रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग:

    • यह सिस्टम वास्तविक समय में डेटा प्रोसेस करता है और पायलट को तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार करता है।
  4. बहुउद्देश्यीय उपयोग:

    • इसका उपयोग न केवल टारगेटिंग बल्कि इलाके की मैपिंग, खतरों की पहचान और निगरानी में भी किया जाता है।

वास्तविक जीवन परिदृश्य: EOTS का उपयोग

परिदृश्य:
एक F-35 लड़ाकू विमान एक दुश्मन के हवाई क्षेत्र में गश्त कर रहा है।

  • पहचान: EOTS इंफ्रारेड सिग्नल के माध्यम से एक दुश्मन मिसाइल लांचर को पहचानता है, जो घने जंगल में छिपा हुआ है।
  • ट्रैकिंग: सिस्टम लक्ष्य को ट्रैक करता है और इसकी स्थिति को पायलट के हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले पर प्रदर्शित करता है।
  • हमला: पायलट लेज़र गाइडेंस का उपयोग करके एक सटीक बम छोड़ता है, जो सीधे लक्ष्य को नष्ट कर देता है।
  • निगरानी: इसके बाद EOTS इलाके का विश्लेषण करता है और आसपास के संभावित खतरों का पता लगाता है।

EOTS के फायदे

  1. सटीकता:

    • EOTS दुश्मन के लक्ष्यों को सटीक रूप से पहचानता और नष्ट करता है।
  2. दिन-रात काम करने की क्षमता:

    • इसकी इंफ्रारेड तकनीक इसे दिन और रात दोनों समय प्रभावी बनाती है।
  3. स्मार्ट गाइडेंस:

    • लेज़र गाइडेड बमों और मिसाइलों को अत्यधिक सटीकता के साथ संचालित करता है।
  4. कम ऊर्जा खपत:

    • EOTS अन्य टारगेटिंग प्रणालियों की तुलना में कम ऊर्जा का उपयोग करता है।

चुनौतियाँ

  1. उच्च लागत:

    • EOTS को विकसित और स्थापित करना महंगा है।
  2. जटिलता:

    • इसे संचालित करने और बनाए रखने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।

इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम (EOTS) ने आधुनिक हवाई युद्ध की परिभाषा बदल दी है। F-35 जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों में इसका उपयोग न केवल लक्ष्य निर्धारण और सटीकता बढ़ाता है, बल्कि मिशन की सफलता की संभावना को भी दोगुना करता है। इसकी उन्नत क्षमताएँ और सटीक प्रदर्शन इसे रक्षा तकनीक का एक अभिन्न हिस्सा बनाते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने